MOTIVATIONAL QUOTE OF THE DAY
DAY 1
लड़ रहा हूँ झगड रहा हूँ खुद से जितने की नाकाम कोशिश बार बार किये जा रहा हूँ। हर बार मै हार रहा हूँ।
टूट रहा हूँ मै बिखर रहा हूँ। दिल और सपनो के टुकड़ो को सिमेटे जा रहा हूँ दुनिया घूम ली। मैंने लेकिन माँ की गोद से महफूज जगह कोई मिली नहीं । बाप से भले ही हर रोज लड़ लूँ। लेकिन उनके जितना सच्चा और अच्छा चाहने वाला और कोई मिला नहीं । एक तूफान मेरा सब कुछ बिखेर ले गया मुझसे मेरा में तक छीन ले गया। सोचा रिश्तो के तरह ख्वाबो से भी एक तरफ़ा प्यार कर लिया जाये। फिर समझ आया की पूरी तरह से बिखर जाने का भी एक मजा है। जो अब कुछ भी नहीं रहा खोने को तो उठा लिया अपनी भिखरी हुई शकशियत के टुकडो को सोचा कर दूंगा सब सही फिर से कोशिश करके। पर दिल और दिमाग मे तो थे ऑंसू भरे। बहुत समझया पर मानना कँहा था। फिर मारे खुद को थप्पड़ घसीट के ले गया खुदको शीशे की तरफ और कहा बता क्या हो गया। मर गया है क्या तू साँसे चल रही है ना तो क्यों मुर्दो की तरह पड़ा हुआ है। गहरी सांस ले और आंसुओ को पोछ ले। क्या हो गया यार अगर हक़ का नहीं मिला तो सब कुछ छोड़ देगा खुदसे किया हुआ वो वादे तोड़ देगा सपनो से मुँह मोड़ लेगा। साले गद्दार पत्थर के सामने हाथ जोड़ना बंद कर और खड़ा हो और चल काम कर। क्यों तू फिलिन्स में उलझ जाता है क्यों खुद को इतना बेबस और छोटा समझ रहा है इन सारी फीलिंग्स इमोशंस अटैचमेंट्स हारना जीतना इन सब से परे है तू उठ और पहचान खुद को और कुछ कर के दिखा सबको । अब आँसु मत बहा जितना रोना था रो लिया। अब उठ खड़ा हो चल पेन उठा काम पे लग जा क्यों डर रहा है तू फिरसे नयी कहानी लिखने से ये सोच कर कि अगर ये वाली अधूरी रह गयी तो।
तो क्या हो गया यार अगर अधूरी रह गयी तो अधूरी ही सही लिख तो सही भले ही क्यों ना किताब ही जला दे कोई पर कुछ खूबसूरत सा लिख। भले अधूरा ही सही और वैसे भी खूबसूरत कहानिया तो अक्सर अधूरी ही होती है न यार।
https://ashishyadav2309.blogspot.com/
लड़ रहा हूँ झगड रहा हूँ खुद से जितने की नाकाम कोशिश बार बार किये जा रहा हूँ। हर बार मै हार रहा हूँ।
टूट रहा हूँ मै बिखर रहा हूँ। दिल और सपनो के टुकड़ो को सिमेटे जा रहा हूँ दुनिया घूम ली। मैंने लेकिन माँ की गोद से महफूज जगह कोई मिली नहीं । बाप से भले ही हर रोज लड़ लूँ। लेकिन उनके जितना सच्चा और अच्छा चाहने वाला और कोई मिला नहीं । एक तूफान मेरा सब कुछ बिखेर ले गया मुझसे मेरा में तक छीन ले गया। सोचा रिश्तो के तरह ख्वाबो से भी एक तरफ़ा प्यार कर लिया जाये। फिर समझ आया की पूरी तरह से बिखर जाने का भी एक मजा है। जो अब कुछ भी नहीं रहा खोने को तो उठा लिया अपनी भिखरी हुई शकशियत के टुकडो को सोचा कर दूंगा सब सही फिर से कोशिश करके। पर दिल और दिमाग मे तो थे ऑंसू भरे। बहुत समझया पर मानना कँहा था। फिर मारे खुद को थप्पड़ घसीट के ले गया खुदको शीशे की तरफ और कहा बता क्या हो गया। मर गया है क्या तू साँसे चल रही है ना तो क्यों मुर्दो की तरह पड़ा हुआ है। गहरी सांस ले और आंसुओ को पोछ ले। क्या हो गया यार अगर हक़ का नहीं मिला तो सब कुछ छोड़ देगा खुदसे किया हुआ वो वादे तोड़ देगा सपनो से मुँह मोड़ लेगा। साले गद्दार पत्थर के सामने हाथ जोड़ना बंद कर और खड़ा हो और चल काम कर। क्यों तू फिलिन्स में उलझ जाता है क्यों खुद को इतना बेबस और छोटा समझ रहा है इन सारी फीलिंग्स इमोशंस अटैचमेंट्स हारना जीतना इन सब से परे है तू उठ और पहचान खुद को और कुछ कर के दिखा सबको । अब आँसु मत बहा जितना रोना था रो लिया। अब उठ खड़ा हो चल पेन उठा काम पे लग जा क्यों डर रहा है तू फिरसे नयी कहानी लिखने से ये सोच कर कि अगर ये वाली अधूरी रह गयी तो।
तो क्या हो गया यार अगर अधूरी रह गयी तो अधूरी ही सही लिख तो सही भले ही क्यों ना किताब ही जला दे कोई पर कुछ खूबसूरत सा लिख। भले अधूरा ही सही और वैसे भी खूबसूरत कहानिया तो अक्सर अधूरी ही होती है न यार।
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