दो दोस्त रेगिस्तान के बीच से चल कर जा रहे थे। अपनी यात्रा के दौरान उनमे बहस होने लगी और एक दोस्त ने
दूसरे के मुँह पर थप्पड़ मार दिया। जिसे थप्पड़ मारा था उसे चोट लगी थी, लेकिन उसने कुछ भी बताये बिना
ये बात रेत में लिख डाली की "आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे थप्पड़ मार दिया।"
और वंहा से चले गए. जब वे एक अच्छी भूमि वाली जगह पहुंचे तब तक रात हो चुकी थी तो उन्होंने
वंही रात को सोने का निस्चय किया तब वंहा उन्हें कुछ डकैत मिले जिन्होंने उस दोस्त को मारना चाहा
जिसे थप्पड़ मारा था, लेकिन उसके दोस्त ने उसे बचा लिया।
उन डकैत से बचने के बाद उस दोस्त ने एक पत्थर पर लिखा, "आज मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मेरी
जान बचाई". तो दूसरे दोस्त ने पूछा की मैंने जब तुम्हे थप्पड़ मारा तो तुमने रेत पर लिखा और जान
बचाई तो पत्थर पर ऐसा क्यों तो उस दोस्त ने जवाब दिया, "जब कोई हमें मित्रता मै कोई दर्द देता है तो हमें उसे
रेत में लिखना चाहिए जहां क्षमा की हवाएं इसे मिटा सकती हैं। लेकिन, जब कोई हमारे लिए कुछ
अच्छा करता है, तो हमें इसे पत्थर में उतारना चाहिए जहां कोई भी हवा इसे मिटा नहीं सकती है".
कहानी से सिख:- "हमें अपनी मित्रता मै उन बातो पर अधिक महत्व देना चाहिए जो हमें ख़ुशी दे ना की उन बातो
पर जो मित्रता मै दरार पैदा करे".
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